Friday, February 12, 2010

मांग कर दहेज़

मांग कर दहेज़ खुद को छोटा कर लेते हैं लोग
अपने खरे सिक्के को भी खोटा कर लेते हैं लोग
मांगना ही चाहते तो मांगिये भगवान से
खर्च करने में मिले आनंद करो शान से
अपने स्वाभिमान में भी टोटा कर लेते हैं लोग
मांग कर दहेज़ खुद को छोटा कर लेते हैं लोग

दिल दुखा कर आपने लिया अगर तो क्या लिया
इस तरह चादर बड़ा किया अगर तो क्या किया
अपनी सुराही ही खुद ही लोटा कर लेते हैं लोग
मांग कर दहेज़ खुद को छोटा कर लेते हैं लोग

बाजुओं में दम है तो क्या हम कमा सकते नहीं
पांव अपनी चादर में क्या हम समा सकते नहीं
क्यों नहीं सीमाओं से समझौता कर लेते हैं लोग
मांग कर दहेज़ खुद को छोटा कर लेते हैं लोग

प्रभा पांडे 'पुरनम'
Phone : 0761-2412504

Friday, February 5, 2010

एक शाम

एक शाम तेरी आस के नाम
दूध मैं नहाई - चांदनी के नाम
झम - झम चमकती बिजुरिया
के आँचल में छुपे चाँद के नाम ।
एक शाम। बहकते कदम
महकते बदन और
लचकते यौवन के नाम।

एक शाम प्रियतम की प्रीत भरी बातें
जवानी में सुलगती सी रातें
मुहब्बत पर सुबह तक समर्पित
मीठी मनुहार को अर्पित
चंद लम्हों में सम्पूर्ण ज़िन्दगी
को जीने के नाम
पीने के नाम
एक शाम। एक शाम। एक शाम।
तेरी मोहब्बत पर मर मिटने के नाम ।

डॉ प्रियंका सोनी 'प्रीत'
mobile no. 9765399969