मांग कर दहेज़ खुद को छोटा कर लेते हैं लोग
अपने खरे सिक्के को भी खोटा कर लेते हैं लोग
मांगना ही चाहते तो मांगिये भगवान से
खर्च करने में मिले आनंद करो शान से
अपने स्वाभिमान में भी टोटा कर लेते हैं लोग
मांग कर दहेज़ खुद को छोटा कर लेते हैं लोग
दिल दुखा कर आपने लिया अगर तो क्या लिया
इस तरह चादर बड़ा किया अगर तो क्या किया
अपनी सुराही ही खुद ही लोटा कर लेते हैं लोग
मांग कर दहेज़ खुद को छोटा कर लेते हैं लोग
बाजुओं में दम है तो क्या हम कमा सकते नहीं
पांव अपनी चादर में क्या हम समा सकते नहीं
क्यों नहीं सीमाओं से समझौता कर लेते हैं लोग
मांग कर दहेज़ खुद को छोटा कर लेते हैं लोग
प्रभा पांडे 'पुरनम'
Phone : 0761-2412504
Friday, February 12, 2010
Friday, February 5, 2010
एक शाम
एक शाम तेरी आस के नाम
दूध मैं नहाई - चांदनी के नाम
झम - झम चमकती बिजुरिया
के आँचल में छुपे चाँद के नाम ।
एक शाम। बहकते कदम
महकते बदन और
लचकते यौवन के नाम।
एक शाम प्रियतम की प्रीत भरी बातें
जवानी में सुलगती सी रातें
मुहब्बत पर सुबह तक समर्पित
मीठी मनुहार को अर्पित
चंद लम्हों में सम्पूर्ण ज़िन्दगी
को जीने के नाम
पीने के नाम
एक शाम। एक शाम। एक शाम।
तेरी मोहब्बत पर मर मिटने के नाम ।
डॉ प्रियंका सोनी 'प्रीत'
mobile no. 9765399969
दूध मैं नहाई - चांदनी के नाम
झम - झम चमकती बिजुरिया
के आँचल में छुपे चाँद के नाम ।
एक शाम। बहकते कदम
महकते बदन और
लचकते यौवन के नाम।
एक शाम प्रियतम की प्रीत भरी बातें
जवानी में सुलगती सी रातें
मुहब्बत पर सुबह तक समर्पित
मीठी मनुहार को अर्पित
चंद लम्हों में सम्पूर्ण ज़िन्दगी
को जीने के नाम
पीने के नाम
एक शाम। एक शाम। एक शाम।
तेरी मोहब्बत पर मर मिटने के नाम ।
डॉ प्रियंका सोनी 'प्रीत'
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