जब वो नज़रों से पिलाते हैं ग़ज़ल होती है
दिल को मदहोश बनाते हैं गज़र होती है
देख मेरी तरफ प्यार भरी नज़रों से
शर्म से जब वो लजाते हैं ग़ज़ल होती है
शमा जलती है सरे शाम पतिंगे उस दम
जान जब अपनी लुटाते हैं ग़ज़ल होती है
कश्तियाँ खेते हुए जब भी मछेरे 'सागर'
कोई जब गीत सुनाते हैं ग़ज़ल होती है
सागर कादरी "झांसवी"
Mob.9889405047
Online Birthday Gifts
ReplyDeleteBest Birthday Gifts Online
father's day gifts online
ReplyDeletefather's day cakes online
father's day flowers online