अभी से सेह्ने गुलिस्तां पे दिल निसार न कर
फ़रेबकार नज़रों का ऐतबार न कर
बजुज़ खिज़ां नहीं कुछ भी हमारी क़िस्मत में
हमारे सामने अब ज़िक्रे नौ बहार न कर
अभी तो और भी काँटे हैं राहे उल्फत में
अभी से पाँव के छालों का कुछ शुमार न कर
ये बस्ती हज़रते नासेह की है अरे साक़ी
यहाँ पे शीशओ सागर का कारोबार न कर
ये इल्तिजा है मिरी तुझसे ऐ मिरे मालिक
कि ज़ालिमों के सितम का मुझे शिकार न कर
जहाँ में रोशनी ' इक़बाल ' है मुहब्बत से
इसे कुछ और बढ़ा इसका इख़्तिसार न कर
इक़बाल बन्ने झांसवी
फ़रेबकार नज़रों का ऐतबार न कर
बजुज़ खिज़ां नहीं कुछ भी हमारी क़िस्मत में
हमारे सामने अब ज़िक्रे नौ बहार न कर
अभी तो और भी काँटे हैं राहे उल्फत में
अभी से पाँव के छालों का कुछ शुमार न कर
ये बस्ती हज़रते नासेह की है अरे साक़ी
यहाँ पे शीशओ सागर का कारोबार न कर
ये इल्तिजा है मिरी तुझसे ऐ मिरे मालिक
कि ज़ालिमों के सितम का मुझे शिकार न कर
जहाँ में रोशनी ' इक़बाल ' है मुहब्बत से
इसे कुछ और बढ़ा इसका इख़्तिसार न कर
इक़बाल बन्ने झांसवी
Birthday Gifts Online
ReplyDeletefather's day gifts online
Sendbest online birthday gifts to Indiafor your loved ones
ReplyDeletesend father's day gifts online
send online gifts to India for your loved ones
ReplyDeletesend online cakes to India for your loved ones
best birthday gifts online to India for your loved ones
father's day gifts online