Thursday, March 19, 2015

गर्दिशे दौरां ने मेरे दिल को मुर्दा कर दिया

गर्दिशे दौरां ने मेरे दिल को मुर्दा कर दिया
छीन ली खुशियाँ झपट कर और तन्हा कर दिया

महबे हैरत है ज़माना काम ऐसा कर दिया
कोशिशों ने आपकी ऊँचा तिरंगा कर दिया

अज़्मे मोहकम की किरन से पा ही लेंगे रोशनी
चांदनी रातों ने घर फिर से अँधेरा कर दिया

में तिरि शाने करीमी का बयां कैसे करूँ
तूने अदना शख़्स को पल भर में आला कर दिया

बदचलन लोगों को घर में ही न आने दीजिये
ये बुज़ुर्गों ने किताबों में खुलासा कर दिया

उसकी तस्वीरों से बातें कर लिया करते हैं हम
कांच की गुड़िया ने आँगन जब से सुना कर दिया

डगमगाया था मसाइब से मिरा ईमां मगर
सबरे साबिर ने उसे 'इक़बाल' पुख़्ता कर दिया

इक़बाल बन्ने झांसवी









4 comments: