Tuesday, March 9, 2010

ग़ज़ल

आज हर बात से डर लगता है
बदले हालात से डर लगता है

छीन कर ले गये जो अम्नो-चैन
उनके जज़्बात से डर लगता है

हज़ारों घर तबाह करके बांटते हैं जो
उनकी खैरात से डर लगता है

इस क़दर नफरतों का आलम है
प्यार की बात से डर लगता है

डॉ गीता गुप्त
Phone : 0755-2736790

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