आसमाँ में न मुझे इतना उडाओ यारो
मैं हूँ इन्सान फ़रिश्ता न बनाओ यारो
जिंदगी दी है ख़ुदा ने तो मुहब्बत के लिए
उसका पैग़ाम यह दुनिया को सुनाओ यारो
तुमसे बिछुड़ा हूँ तो क्या हाल हुआ है मेरा
देखना हो तो मिरे दिल में समाओ यारो
नाम मिट जाये हमेशा के लिए नफरत का
प्यार कि ऐसी कोई शमा जलाओ यारो
कल न आया है न आयेगा कभी 'सोज़' का भी
जो भी करना है अभी करके दिखाओ यारो
प्रोफेसर राम प्रकाश गोयल 'सोज़'
mobile : 9412287787
Wednesday, March 24, 2010
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मतले से मकते तक वाह वाह
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