नागफनी से दिल चेहरे गुलदस्ते हैं
कुछ ऐसे भी लोग यहाँ पर बसते हैं
बिक जाते हैं बस थोड़े से पैसों में
लोगों के ईमान भी कितने सस्ते हैं
माँ बिछड़ी तो समझे ममता की क़ीमत
माँ की ममता को हम आज तरसते हैं
साँपों को ऐसे डसने का इल्म कहाँ
जैसे इंसानों को इंसा डसते हैं
ये कैसा सच बोल रहा है तू मुझसे
क्यूँ अल्फाज़ गले में तेरे फंसते हैं
मुफलिस को सावन से क्या मतलब 'शारिब'
उसके घर तो सावन रोज़ बरसते हैं
अल्फाज़ - शब्द
मुफलिस - ग़रीब
अब्दुल जब्बर 'शारिब'
Tuesday, February 10, 2009
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Best Valentines Day Roses Online
ReplyDeleteBest Valentines Day Gifts Online
Send Valentines Day Flowers Online