क़समे वादे निभाना ज़रूरी नहीं
सिर पे तेरी मुहब्बत का आकाश हो
सिर पे हो आशियाना ज़रूरी नहीं
तेरी आँखों में रोशन रहें बिजलियाँ
फिर तेरा मुस्कुराना ज़रूरी नहीं
रूह का रूह से सामना हो अगर
रुख़ से पर्दा हटाना ज़रूरी नहीं
मेरे हांथों में गर हाँथ तेरा रहे
साथ आये ज़माना ज़रूरी नहीं
फूल उल्फत के दिल में खिलते रहे
गुलसितां का फ़साना ज़रूरी नहीं
हार बाँहों के गर्दन पर लिपटे रहे
हीरे मोती चमकाना ज़रूरी नहीं
हवा डूबी हो चाहत की संगीत में
होंठ पर हो तराना ज़रूरी नहीं
एक दूजे पे मिटने की हसरत रहे
'पुरनम' को आज़माना ज़रूरी नहीं
प्रभा पांडे 'पुरनम'
ph 0761 2412504
Birthday Gifts Online
ReplyDeleteBest Packers Movers Bangalore
Online Cake Delivery
Online Gifts Delivery in India