Monday, December 28, 2009

ग़ज़ल

बूंद में सागर मिलेगा कैसे
बूंद बिन सागर बनेगा कैसे

यूँ ही कुदरत ने नियम तोड़ दिए
कोई मौसम हो चलेगा कैसे

बात जमती ही नहीं अश्क़ बिना
दुःख ज़ुबां से वो कहेगा कैसे

अक्षय गोजा
mob. 09351289217

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