कितनी हँसी है रात मेरे साथ आइये
करनी है दिल की बात मेरे साथ आइये
आगाज़े गुफ्तगू तो ज़रा कीजिये हुज़ूर
बातों से निकले बात मेरे साथ आइये
लफ्जों ने साथ छोड़ दिया है ज़ुबान का
नज़रों से कीजिये बात मेरे साथ आइये
लम्हा बगैर आप के लगता है एक साल
कटती नहीं हयात मेरे साथ आइये
ताउम्र साथ दोगे यकीं तो नहीं मगर
कुछ दूर की है बात मेरे साथ आइये
ठुकरा दिया है इश्क में सब कुछ यहाँ 'नसीम'
दुनिया की क्या बिसात मेरे साथ आइये
नसीम टीकमगढी
Sunday, April 26, 2009
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